DECEMBER 9, 2022
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Jasbeer Singh

(Chief Editor)

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सरदार सुखबीर सिंह बादल भगवंत मान के ‘‘दरिया के पानी के सरेंडर ’’ के खिलाफ अकाली ‘‘ विरोध धरना’’ की अ

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सरदार सुखबीर सिंह बादल भगवंत मान के ‘‘दरिया के पानी के सरेंडर ’’ के खिलाफ अकाली ‘‘ विरोध धरना’’ की अगुवाई करेंगें

कहा कि पंथ और पंजाब के अहम् हितों से कोई समझौता नही

कहा कि पंजाब में पानी की एक भी अतिरिक्त बूंद भी नही बची: अकाली दल अध्यक्ष ने भगवंत मान से कहा
चंडीगढ़/23मई: शिरोमणी अकाली दल  के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल , पंजाब के मुख्यमंत्री भगंवत मान के ‘‘दरिया के पानी पर समर्पण’’ के विरोध में  कल सुबह 11 बजे  अबोहर में धरने की अगुवाई करेंगें।

आज दोपहर पार्टी के मुख्य कार्यालय में सरदार बादल ने यह घोषणा की। वह पत्रकारों के सवालों को जवाब दे रहे थे कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाब से राजस्थान को नदी जल आपूर्ति को मौजूदा 700 क्यूसेक से बढ़ाकर अतिरिक्त 1200 क्यूसेक दरिया का पानी छोड़ने की प्रतिबद्धता जताई है। खबरों में राजस्थान के नेता हनुमान बेनीवाल के हवाले से दावा किया गया है कि मान ने रविवार को बठिंडा में अपनी मीटिंग के दौरान इस आशय की प्रतिबद्धता जताई थी।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए सरदार बादल ने कहा कि पंथ और पंजाब के संरक्षक के रूप में अकाली दल आप सरकार के सरेंडर और पंजाब के दरिया के पानी की ‘‘ गुप्त और मनमाने तरीके से बिक्री’’ के जरिए लूट का मूकदर्शक बनकर नही बैठेगा।  उन्होने कहा कि हमने पंजाब के मुख्यमंत्री को रिपोर्ट पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है, लेकिन रिपोर्ट को सामने आए एक दिन से अधिक समय समय बीत चुका है, फिर भी वह चुपचाप पानी देने की बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए चुप्पी के पीछे छिपने का विकल्प चुना है। हम ऐसा नही होने देगें।

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब में भगवंत मान की अगुवाई वाली आप सरकार द्वारा यह ‘‘आत्मसमर्पण’’ हर धार्मिक, आर्थिक और दरिया जल के मुददों  पर पंजाब और पंथ के हितों के साथ विश्वासघात के लंबे इतिहास को दोहराया है। उन्होने  कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा पंजाब के दरिया के पानी की इस लूट में हरियाणा और दिल्ली दोनों की अगुवाई करते रहे हैं, और भगवंत मान  ने  चुपचाप और नम्रतापूर्वक इस लूट के लिए हामी भर दी है।

सरदार बादल ने कहा ,‘‘ स्पष्ट रूप से अपने बाॅस केजरीवाल के निर्देशों के तहत, भगवंत मान अब राजस्थान को और अधिक दरिया के पानी पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत हो गए हैं, जो पंजाब के पहले से ही संकटग्रस्त किसानों और राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था के लिए गहरा झटका है। उन्होने कहा कि भगवंत माने इससे पहले हरियाणा को यहां से बाहर स्थानांतरित करने के लिए कहने के बजाय एक अलग विधानसभा स्थापित करने के लिए हमारी अपनी राजधानी में जगह की भीख मांगकर चंडीगढ़ पर पंजाब के वैध दावे को सरेंडर कर दिया था।

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